Sunday, January 1, 2017

आजकल नयि साल घास बात्त के बिना आगए है.
बीत्ते दिन हो अ्चछा या बुरा, यह तो सिफ काल हि बतायेगा
सन.2017 कि पहलि दिन बित चुकी है.अभि हम लोगो मे विश्वास हो जाना हि अगला कठिनतर काम होगया.
पिछले साल बहूत हम देखा. उस मे रक्षा और सहयाेग कि मामले तो अथिकतर थे, नारिजिवन का मह्तवपूण
समस्याये भि कम नहि थी...
सभि का विचार एकद्म   नहि हो सकता....
शाुरुवाद मे सब काे मेरे ओर से नयि साल की शुभकामनाये ओेर प्रारथनाये अदा करता है....
अापका

मुरलीधरन

No comments:

Post a Comment